८० दिनों में दुनिया का चक्कर

८० दिनों में दुनिया का चक्कर

HindiEbook
Available online
CZK 209
Common price CZK 232
Discount 10%
pc

Available formats

Detailed information

प्रस्तावना:  यह उन सभी लोगो की एक आपबीती का प्रमाण है कि हमारा ग्रह पृथ्वी पर ७.५ बिलियन निवासियों में से एक, मेरी तरह, लोगो एक महामारी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए बहुत कम या कुछ भी तैयार नहीं किया गया है कि कैसे जिया जाये अपनी दुनिया में और पर्यावरण में। अगर कोई ऐसी चीज़ है जिसने इंसान को पहली बार एक जैसा महसूस कराया है, तो वह यही वायरस है, जिसने दुनिया के किसी भी नागरिक के बीच कोई अंतर नहीं किया है। गरीब हो या अमीर, सफेद हो या काले, पीले या तांबे, ईसाई, मुस्लिम, यहूदी या नास्तिक, शिक्षित या अशिक्षित, लंबा या छोटा, मोटा या पतला, युवा या बूढ़ा, पुरुष हो या महिला, समुद्र या पहाड़ों से आदि किसी में भी नहीं । इसने हम सभी को एक समान रूप से प्रभावित किया है और हम सभी को अप्रत्याशित और छोटी समझ की स्थिति के कारण पीड़ा, वीरानी, ​​दर्द, भय और यहां तक ​​कि आतंक के दिनों को जीने के �
EAN 9781071587324
ISBN 1071587323
Binding Ebook
Publisher Babelcube Inc.
Publication date February 5, 2021
Language Hindi
Country Uruguay
Authors लारररा, खलिओ आदराद
Translators 'मन', मज यादव