Jugalbandi/जुगलबंदी

Jugalbandi/जुगलबंदी

HindiEbook
सीतापति, विनय
Penguin Random House India Private Limited
EAN: 9789391149109
Available online
CZK 288
Common price CZK 320
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नरेंद्र मोदी के बनने की प्रक्रिया सौ वर्ष लंबी रही है। विनय सीतापति की जुगलबंदी वर्तमान राजनीति में उनके प्रभुत्व की पृष्ठभूमि में मौजूद कहानी को बयां करती है। इसका आरंभ ब्रिटिश सरकार द्वारा 1920 के दशक में शुरू चुनावी प्रक्रिया के प्रतिक्रियास्वरूप हिंदू राष्ट्रवाद की रचना से होता है और 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से आगे बढ़ते हुए 1998 से 2004 तक चली इसकी पहली केंद्रीय सरकार के बनने पर इसका समापन होता है। यह यात्रा अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के परस्पर जुड़े जीवन की जुगलबंदी के माध्यम से आगे बढ़ती है। अपने छह दशक के रिश्ते में अलग व्यक्तित्व एवं मान्यताओं में मतभेदों के बावजूद वाजपेयी और आडवाणी ने एक टीम के रूप में काम किया। भ्रातृ-सुलभ प्रेम, पेशेवर सहयोग और इस सबसे बढ़कर, एकता पर बल देने वाली विचारधारा ने दोनों को एक साथ जोड़े रखा। इनकी साझेदारी बताती है कि मोदी से पहले भाजपा क्या थी और वह क्यों विजयी होती थी। इनके सहायकों की भूमिका में कई किरदार हैं - अपने परिवार में वाजपेयी के लिए जगह बनाने वाली एक वार्डन की पत्नी से लेकर पाकिस्तान के संस्थापक के नवासे तक, जो भाजपा को धन उपलब्ध कराने वाले प्रारंभिक व्यवसायी थे। निजी काग़जात, पार्टी दस्तावेज़ों, अख़बारों और दो सौ से अधिक साक्षात्कारों पर आधारित यह पुस्तक उन लोगों को अवश्य पढ़नी चाहिए, जो वर्तमान में भारत में सत्तारूढ़ विचारधारा को जानने में रुचि रखते हैं।
EAN 9789391149109
ISBN 9391149103
Binding Ebook
Publisher Penguin Random House India Private Limited
Publication date February 17, 2021
Pages 368
Language Hindi
Country India
Authors सीतापति, विनय