Haar Nahin Manungi/हार नहीं मानूँगी

Haar Nahin Manungi/हार नहीं मानूँगी

HindiEbook
गपत, Maithilisharan Gupt/मथिलीशरण
Penguin Random House India Private Limited
EAN: 9789354928024
Available online
CZK 288
Common price CZK 320
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pc

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इस काव्य संग्रह में राष्ट्रीयता, समाज सुधार, युग बोध के साथ-साथ भारतीय संस्कृति एवं नारी का चित्रण हुआ है। गुप्तजी ने नारी को गौरवपूर्ण स्थान दिया है। उन्होंने अपने इस काव्य संग्रह में सीता, यशोधरा, उर्मिला, कौशल्या, द्रौपदी आदि के माध्यम से नारी के उज्ज्वल और संघर्षशील वैवाहिक रूप को निरूपित किया है। उनकी दृष्टि में नारी पुरुषों के समान ही समस्त कार्य कर सकती है, कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती है।
EAN 9789354928024
ISBN 9354928021
Binding Ebook
Publisher Penguin Random House India Private Limited
Publication date October 18, 2022
Pages 432
Language Hindi
Country India
Authors गपत, Maithilisharan Gupt/मथिलीशरण